उदयपुर। अहिल्याबाई होलकर की जीवन गाथा:
अहिल्याबाई होलकर 18 वीं शताब्दी की प्रेरणादायक महिला थीं, जिन्होंनें न्याय की देवी के तौर पर जनमानस के हृदय में स्थान बनाया। अपने बेटे को भी मृत्युदंड देने से नहीं चूकी। युवाओं के लिए उनके जीवन के प्रसंग आज भी समसामयिक और प्रेरणा के स्रोत हैं। पति, पुत्र और ससुर की मृत्यु पर भी तनिक विचलित नहीं हुई। प्रथम स्त्री सेना तैयार की, विधवाओं के हित के लिए अनेक कार्य किये। मृत्युदंड पर रोक लगाई। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, नाशिक, महेश्वर, उज्जैन आदि देश के सभी शिवालयों का जीर्णोद्धार किया। प्याऊ, पाटी. धर्मशालाओं का निर्माण किया। महेश्वर के बुनकर उद्योग को विश्वस्तर तक पहुंचाने का कार्य किया।
हनु प्रज्ञा प्रबंधन 13 को:
मेवाड़ टॉक फेस्ट 3.1 के तहत ही विश्व संवाद केन्द्र के संयोजन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान तथा साहित्य अकादमी उदयपुर के तत्वावधान में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार, सेक्टर 4, उदयपुर में साहित्यिक संवाद “हनु प्रज्ञा प्रबंधन” होगा। इसके तहत अंशु हर्ष की पुस्तक ‘महाभारत के हनुमान’, चन्द्रेश टेलर की पुस्तक ‘वर्तमान में हनुमान’ पर चर्चा की जाएगी। संवाद प्रवर्तक कपिल पालीवाल होंगे। इस दौरान अर्बन स्केचर्स समूह के सुनील लढ्ढा के नेतृत्व में युवा कलाकारों द्वारा स्कैचिंग की जाएगी वहीं उभरते गायक सिद्धार्थ राव द्वारा ‘हम कथा सुनाते राम सकल…’ की प्रस्तुति दी जाएगी व पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।