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पाली। राजस्थान पुलिस के विभिन्न जिला, यूनिट एवं बटालियन में कांस्टेबल सामान्य, चालक, बैण्ड एवं पुलिस दूरसंचार में ऑपरेटर व चालक के 9617 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पुलिस विभाग ने प्रवेश प्रक्रिया चालू कर दी है। आवेदक आगामी 28 अप्रैल से 17 मई, 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत विभिन्न जिला, यूनिट व बटालियन में कॉन्स्टेबल सामान्य, चालक, बैण्ड एवं पुलिस दूरसंचार में ऑपरेटर व चालक के 9617 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए बुधवार को दो अलग अलग विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। योग्य अभ्यर्थी ऑनलाईन आवेदन-पत्र राजकॉम इन्फो सर्विसेज लिमिटेड द्वारा संचालित समस्त ई-मित्र कियोस्क, जनसुविधा केन्द्र एवं विभाग की वेबसाईट पर 28 अप्रैल से 17 मई, 2025 तक भर सकते हैं।

एडीजी पाण्डेय ने बताया कि आवेदकों को सलाह दी है कि ऑनलाईन आवेदन की अन्तिम दिनांक का इन्तजार किए बिना, समय सीमा में आवेदन करें। आवेदन पत्र भरने की अन्तिम दिनांक के पश्चात 03 दिवस तक आवेदन पत्र में किसी भी तरह की त्रुटि सुधार के लिये वेबसाईट पर लिंक उपलब्ध कराया जायेगा।

पाली। राजस्थान पुलिस के विभिन्न जिला, यूनिट एवं बटालियन में कांस्टेबल सामान्य, चालक, बैण्ड एवं पुलिस दूरसंचार में ऑपरेटर व चालक के 9617 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पुलिस विभाग ने प्रवेश प्रक्रिया चालू कर दी है। आवेदक आगामी 28 अप्रैल से 17 मई, 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत विभिन्न जिला, यूनिट व बटालियन में कॉन्स्टेबल सामान्य, चालक, बैण्ड एवं पुलिस दूरसंचार में ऑपरेटर व चालक के 9617 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए बुधवार को दो अलग अलग विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। योग्य अभ्यर्थी ऑनलाईन आवेदन-पत्र राजकॉम इन्फो सर्विसेज लिमिटेड द्वारा संचालित समस्त ई-मित्र कियोस्क, जनसुविधा केन्द्र एवं विभाग की वेबसाईट पर 28 अप्रैल से 17 मई, 2025 तक भर सकते हैं।

एडीजी पाण्डेय ने बताया कि आवेदकों को सलाह दी है कि ऑनलाईन आवेदन की अन्तिम दिनांक का इन्तजार किए बिना, समय सीमा में आवेदन करें। आवेदन पत्र भरने की अन्तिम दिनांक के पश्चात 03 दिवस तक आवेदन पत्र में किसी भी तरह की त्रुटि सुधार के लिये वेबसाईट पर लिंक उपलब्ध कराया जायेगा।

उदयपुर। मेवाड़ टॉक फेस्ट 3.1 के तहत ही विश्व संवाद केन्द्र के संयोजन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान तथा साहित्य अकादमी उदयपुर के तत्वावधान में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार, सेक्टर 4, उदयपुर में साहित्यिक संवाद “हनु प्रज्ञा प्रबंधन” होगा। इसके तहत अंशु हर्ष की पुस्तक ‘महाभारत के हनुमान’, चन्द्रेश टेलर की पुस्तक ‘वर्तमान में हनुमान’ पर चर्चा की जाएगी। संवाद प्रवर्तक कपिल पालीवाल होंगे। इस दौरान अर्बन स्केचर्स समूह के सुनील लढ्ढा के नेतृत्व में युवा कलाकारों द्वारा स्कैचिंग की जाएगी वहीं उभरते गायक सिद्धार्थ राव द्वारा ‘हम कथा सुनाते राम सकल…’ की प्रस्तुति दी जाएगी व पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा

उदयपुर। अहिल्याबाई होलकर की जीवन गाथा:

अहिल्याबाई होलकर 18 वीं शताब्दी की प्रेरणादायक महिला थीं, जिन्होंनें न्याय की देवी के तौर पर जनमानस के हृदय में स्थान बनाया। अपने बेटे को भी मृत्युदंड देने से नहीं चूकी। युवाओं के लिए उनके जीवन के प्रसंग आज भी समसामयिक और प्रेरणा के स्रोत हैं। पति, पुत्र और ससुर की मृत्यु पर भी तनिक विचलित नहीं हुई। प्रथम स्त्री सेना तैयार की, विधवाओं के हित के लिए अनेक कार्य किये। मृत्युदंड पर रोक लगाई। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, नाशिक, महेश्वर, उज्जैन आदि देश के सभी शिवालयों का जीर्णोद्धार किया। प्याऊ, पाटी. धर्मशालाओं का निर्माण किया। महेश्वर के बुनकर उद्योग को विश्वस्तर तक पहुंचाने का कार्य किया।

हनु प्रज्ञा प्रबंधन 13 को:

मेवाड़ टॉक फेस्ट 3.1 के तहत ही विश्व संवाद केन्द्र के संयोजन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान तथा साहित्य अकादमी उदयपुर के तत्वावधान में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार, सेक्टर 4, उदयपुर में साहित्यिक संवाद “हनु प्रज्ञा प्रबंधन” होगा। इसके तहत अंशु हर्ष की पुस्तक ‘महाभारत के हनुमान’, चन्द्रेश टेलर की पुस्तक ‘वर्तमान में हनुमान’ पर चर्चा की जाएगी। संवाद प्रवर्तक कपिल पालीवाल होंगे। इस दौरान अर्बन स्केचर्स समूह के सुनील लढ्ढा के नेतृत्व में युवा कलाकारों द्वारा स्कैचिंग की जाएगी वहीं उभरते गायक सिद्धार्थ राव द्वारा ‘हम कथा सुनाते राम सकल…’ की प्रस्तुति दी जाएगी व पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

उदयपुर। मेवाड़ टॉक फेस्ट 3.1 के तहत पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और विश्व संवाद केंद्र उदयपुर के तत्वावधान में शुक्रवार को शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर “पुण्यश्लोक” शीर्षक से नाट्य प्रस्तुति हुई। मुंबई के कलाकारों की इस आकर्षक प्रस्तुति ने मौजूद लोगों का मन मोह लिया।

ओंकारा-ओंकारा गीत प्रस्तुति से प्रारंभ इस नाटक में मालवा की महारानी अहिल्या बाई होल्कर के जीवन के सभी प्रसंगों को बेहतरीन ढंग से मंचित किया गया । कलाकारों के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

मुंबई की संस्था सहज कलात्मक फाउंडेशन तथा पंत ड्रामा फोरम एवं ड्रामा ड्राफ्टिंग द्वारा तैयार ‘पुण्यश्लोक’ नाटक प्रस्तुति के निर्देशक एनके पंत, अरूण शेखर पंत ड्रामा फोरम, मुम्बई थे।

नाटक के दर्शाया कि किस प्रकार एक स्त्री यदि चाह ले तो परिवार के साथ समाज को भी दिशा दे सकती है। व्यक्ति तभी महत्वपूर्ण बनता है जब उसके कार्य जनानुरूप हो, इसीलिए अहिल्याबाई पुण्यश्लोक कहलाई। सभी कलाकारों ने सधा हुआ अभिनय किया, छोटी अहिल्या ने दर्शकों को विशेष प्रभावित किया। माँ के रूप में प्रीति झा, बूढ़े के रूप में आनंद ने बहुत प्रभावित किया वहीं बिगडैल लड़के पति की भूमिका में शाश्वत श्रीवास्तव ने जान डाल दी।

कार्यक्रम में केन्द्र के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी, सी.एल. सालवी, हेमन्त मेहता, सिद्धांत भटनागर, विश्व संवाद केंद्र से जुड़े वरिष्ठ समाजसेवी मदनमोहन टांक, पुलिस मुख्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, बड़गांव व मावली के विकास अधिकारी शैलेन्द्र खींची, विकास छाजेड़, सुनील खटीक, रुचि श्रीमाली, नीतू राठौड़, अंजलि, हेमन्त जोशी सहित शहर के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। अंत में सभी कलाकारों का सम्मान किया गया।

इस कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के सहायक निदेशक दुर्गेश चांदवानी व कनन राठौड़ ने किया।

अहिल्याबाई होलकर की जीवन गाथा:

अहिल्याबाई होलकर 18 वीं शताब्दी की प्रेरणादायक महिला थीं, जिन्होंनें न्याय की देवी के तौर पर जनमानस के हृदय में स्थान बनाया। अपने बेटे को भी मृत्युदंड देने से नहीं चूकी। युवाओं के लिए उनके जीवन के प्रसंग आज भी समसामयिक और प्रेरणा के स्रोत हैं। पति, पुत्र और ससुर की मृत्यु पर भी तनिक विचलित नहीं हुई। प्रथम स्त्री सेना तैयार की, विधवाओं के हित के लिए अनेक कार्य किये। मृत्युदंड पर रोक लगाई। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, नाशिक, महेश्वर, उज्जैन आदि देश के सभी शिवालयों का जीर्णोद्धार किया। प्याऊ, पाटी. धर्मशालाओं का निर्माण किया। महेश्वर के बुनकर उद्योग को विश्वस्तर तक पहुंचाने का कार्य किया।

हनु प्रज्ञा प्रबंधन 13 को:

मेवाड़ टॉक फेस्ट 3.1 के तहत ही विश्व संवाद केन्द्र के संयोजन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान तथा साहित्य अकादमी उदयपुर के तत्वावधान में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार, सेक्टर 4, उदयपुर में साहित्यिक संवाद “हनु प्रज्ञा प्रबंधन” होगा। इसके तहत अंशु हर्ष की पुस्तक ‘महाभारत के हनुमान’, चन्द्रेश टेलर की पुस्तक ‘वर्तमान में हनुमान’ पर चर्चा की जाएगी। संवाद प्रवर्तक कपिल पालीवाल होंगे। इस दौरान अर्बन स्केचर्स समूह के सुनील लढ्ढा के नेतृत्व में युवा कलाकारों द्वारा स्कैचिंग की जाएगी वहीं उभरते गायक सिद्धार्थ राव द्वारा ‘हम कथा सुनाते राम सकल…’ की प्रस्तुति दी जाएगी व पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

उदयपुर। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि 23 साल पहले भारत की ग्रोथ का एक नया दौर शुरू हुआ था।

ज़िंक जैसे क्रिटिकल मेटल की डिमांड हाई थी, पर प्रोडक्शन बहुत कम। उस समय भारत, ज़िंक इम्पोर्ट करता था, और उस पर 40% की भारी ड्यूटी लगती थी।

सौभाग्यवश, 2002 में सरकार ने एक बोल्ड स्टेप लिया, हिन्दुस्तान ज़िंक को प्राइवेटाइज़ किया और वेदांता को मौक़ा दिया। बस एक ही साल में, बिना किसी रिट्रेंचमेंट के, टेक्नोलॉजी और एक्सपर्ट्स की मदद से, प्रॉफिट 113.58% बढ़ गया।

आज, मुझे गर्व है यह कहने में, कि ‘हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड’ भारत की ही नहीं, संसार की लार्जेस्ट इंटीग्रेटेड ज़िंक प्रोड्यूसर है। भारत में सिल्वर का भी प्रोडक्शन बहुत कम था, पर हमारे इंजीनियर्स और एक्सपर्ट्स ने अनुसंधान कर, सिल्वर का प्रोडक्शन भारत में 15 गुना बढ़ाया।

राजस्थान में लाखों लोगों को रोज़गार मिला और 1000 से अधिक एलाइड इंडस्ट्रीज़ खड़ी हो गईं !

आज तक हिन्दुस्तान ज़िंक ने देश के ख़ज़ाने में लगभग 1.7 लाख करोड़ रूपयों का योगदान दिया है। आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण में सुधार हुआ, और राजस्थान जैसा सनशाइन स्टेट और भी चमक उठा।

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